मीठी बोली, मीठी जुबान, मकरसंक्रांति, का है ये ही, पैगाम |
किसी को अपनी वाणी से कष्ट मत पहुचाहिये, आप में भी गलतिया है और, दुसरो के पास भी जुबान है तो सावधान रहिये I BK SHIVANI
मिठी बोली, मिठी जुबान, इस त्योंहार का यही है पैगाम… Take Sweet, Talk Sweet; Be Sweet…
कसूर तो था इन निगाहों का जो चुपके से दीदार कर बैठी हमने तो खामोश रहने की ठानी थी पर बेवफा ये जुबान इज़हार कर बैठी